शब्द शक्ति,परिभाषा एवं उसके भेद

शब्द शक्ति परिभाषा:-शब्द के अर्थ को जिस माध्यम से ज्ञात किया जाता है उसे शब्द शक्ति कहते हैं आचार्य मम्मट ने अपनी ग्रंथि काव्यप्रकाश में शब्द शक्ति के तीन प्रकार बताए हैं- 1. अभिधा 2.लक्षणा 3.व्यंजना शब्द शक्ति.... शब्द.. अर्थ.. उदाहरण.... 1.अभिधा..वाचक.. वाच्यार्थ.. खेत में गाय चल रही है 2 लक्षणा.. लक्षक.. लक्ष्यार्थ.. राजस्थान साहसी है 3 व्यंजना.. व्यंजक.. व्यंग्य.... पानी गए ना उबरे मोती मानुष चून ➡️1.अभिधा शब्द-शक्ति मुख्य अर्थ का बोध कराने वाली शब्द शक्ति को अभिधा शब्द शक्ति कहा जाता है। 👉रामधन मिश्र के अनुसार साक्षात संकेतिक अर्थ के व्यापार को अभिधा शब्द-शक्ति कहते हैं। अभिधा शब्द शक्ति के संदर्भ में अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां... अभिधा शब्द शक्ति से जिन शब्दों का अर्थ बोध होता है वे तीन प्रकार के होते हैं- 1.रूढ शब्द 2.योगिक शब्द 3.योगरूढ़ शब्द 2 अभिधा शब्द शक्ति के अनेकार्थी शब्दों का निर्णय किया जाता है और वाक्य में एक अर्थ ग्रहण किया जाता है जैसे मोती एक नटखट लड़का है सीता के हार के मोती कीमती है हरी पुस्तक पढ़ रहा है विष्णु भगवान ने नारद को हरि रूप दिया कनक कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय नोट- यमक अलंकार के सभी उदाहरण अभिधा शब्द शक्ति में प्रयोग किए जाते है। अभिधा शब्द शक्ति में लोक प्रचलित किया लोक प्रसिद्ध शब्दकोश में अर्थ ग्रहण किया जाता है शब्द शक्ति का संबंध वाक्य में शब्द का एक ही अर्थ ग्रहण करने से हैं सामान्य और छल प्रकृति के लोग तथा जिनका भाषा पर कम अधिकार होता है ऐसे लोग अभिदा व्यापार से ही कार्य चलाते हैं

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