"सावन मास"

सावन मास


सावन की महक
चिङियां की चहक
तालाबों पर रहट
गुलाबों की महक
सावन मास मे मिलती है।

मोर की पुकार
कोयल की हुंकार
झिंगुर की चितकार

किसान की वर्षा-पुकार
केवल सावन मे ही मिलती है।

बिजली की कङकङाहट
पक्षी की फड़फड़ाहट
शिवभक्तो की धूम
बच्चों की घुम-घुम
केवल सावन मे ही मिलते है।

फसलों की हरयाली
अगेती फसलों पर बाली
सावन की हवा निराली
केवल सावन मे ही मिलती हैं।

नववधू का सावन
कामदेव का चाहन
काली घटाओं का आवन
किट-पतंगों का मनभावन
केवल सावन मे ही मिलते हैं।

सुरज का तपन
शिवभक्तों का जपन
भूमि की तड़फन
किसान की वर्षा- रटन
केवल सावन मे ही मिलते हैं।

किसान का हल
इन्द्र का बल
टिड्डियों का दल
आंधी का खलल
केवल सावन मे ही मिलते हैं।
   
       शंकरनाथ धीरदेसर
        (वरिष्ठ अध्यापक)

टिप्पणियाँ

Balaji caren ने कहा…
सराहनीय
Shankar nath ने कहा…
सभी मित्रों से निवेदन है कि कृपया इस कविता को जरूर जरूर पढ़ें

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