"सावन की बहार"

सावन की रिमझिम बरसा में ,
जन जीवन में खुशियां छायेगी।
मानव के जीने की उमंग ,
बहारों की याद दिलाएगी।

उमंग के पक्षी सावन में, 
बहारों के रंग खिलाएंगे ।
आशा के पक्षी सावन में, 
जीवन का बीज लगाएंगे।

बच्चों के सपने सावन में,
किश्ती का खेल दिखाएंगे। 
बच्चों की किलकारी सावन में,
बंसी की राग सुनाएगी।

फूलों की सुगंध सावन में, 
जीवन की खुशबू फैलायेगी। 
बिजली की चमक सावन में, 
सर्कस का खेल दिखाएगी।

बादल की रिमझिम सावन में, 
कलियों में खुशियां छाएगी। 
खेतों के समतल आंगन में, 
फसलें प्यार की लहर आएगी। 

                  शंकर नाथ जाखड़ धीरदेसर हनुमानगढ़ 

टिप्पणियाँ

बेनामी ने कहा…
sannnnnnnnnnder

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