" सुख-दुख के साथी "

सुख दुख के साथी है मेरे मित्र
सफल जीवन की कहानी हैं मेरे मित्र
गिरते जीवन को संभाले हैं मेरे मित्र
जीताते मुझे हारे हैं मेरे मित्र
कलम मैं हूं, पुस्तक है मेरे मित्र
बूंद मै हूं, समुंद्र है मेरे मित्र
विद्यार्थी मै हूं, अध्यापक है मेरे मित्र
राही मैं हूं, पथ- प्रदर्शक है मेरे मित्र
जीवन मै हूं, जुबानी है मेरे मित्र
हवा में हूं, तूफान है मेरे मित्र
खेल में हूं, खिलाड़ी है मेरे मित्र
पुजारी मैं हूं, देव है मेरे मित्र
रंक में हूं, राजा है मेरे मित्र
लेख मैं हूं, लेखक है मेरे मित्र
कलम मैं हूं, दवात है मेरे मित्र
पृष्ठ मैं हूं, पुस्तक है मेरे मित्र
फूल मैं हूं, उपवन है मेरे मित्र
सुदामा मैं हूं, कृष्ण है मेरे मित्र
              आप सबका साथी
                 शंकरनाथ

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