कोरोना को हराना(कविता)
जगत में फैला कोरोना
आ रही है मुश्किले,
पर इससे डरो-ना
मुंह पर मास्क, हाथ भी धोना है।
कोरोना है,कोरोना इसे बिल्कुल भी डरो ना डरो ना पर,लापरवाह नही होना है
कोरोना है,कोरोना !जगत से इसे मिटाना है मिल सभी को कोरोना को धोना है
विश्व में फैली महामारी इसी का तो रोना है हाथ मिलाना नहीं,नमस्ते ही करना है
हाथ साबुन डिटोल से ही धोना है
डरो मत,कोरोना को ही तो धोना है
भारत भूमि की पावन धरा से
समूल कोरोना को मिटोना है।
हम भारत की संतान हैं
आतंक,नक्सलवाद से भी लड़े हैं,
यह तो सिर्फ कोरोना है
हम मिलकर इसे भगाएंगे
कोरोना को भारत से मिटायेंगे।
Shankar nath
Hanumangarh
आ रही है मुश्किले,
पर इससे डरो-ना
मुंह पर मास्क, हाथ भी धोना है।
कोरोना है,कोरोना इसे बिल्कुल भी डरो ना डरो ना पर,लापरवाह नही होना है
कोरोना है,कोरोना !जगत से इसे मिटाना है मिल सभी को कोरोना को धोना है
विश्व में फैली महामारी इसी का तो रोना है हाथ मिलाना नहीं,नमस्ते ही करना है
हाथ साबुन डिटोल से ही धोना है
डरो मत,कोरोना को ही तो धोना है
भारत भूमि की पावन धरा से
समूल कोरोना को मिटोना है।
हम भारत की संतान हैं
आतंक,नक्सलवाद से भी लड़े हैं,
यह तो सिर्फ कोरोना है
हम मिलकर इसे भगाएंगे
कोरोना को भारत से मिटायेंगे।
Shankar nath
Hanumangarh
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